लेखकों का क्या वे तो कुछ भी लिखते रहते हैं। स्त्री तो बस देह होती है। लेखकों का क्या वे तो कुछ भी लिखते रहते हैं। स्त्री तो बस देह होती है।
चुप कर ये क्या मज़हबी बकवास लिए बैठ गई ज़रा निखत की खुशी के बारे में सोच चुप कर ये क्या मज़हबी बकवास लिए बैठ गई ज़रा निखत की खुशी के बारे में सोच
उसके जीवनभर की मेहनत से बना इन्वेंशन उसका जीवन ही खत्म कर देगा। उसके जीवनभर की मेहनत से बना इन्वेंशन उसका जीवन ही खत्म कर देगा।
दो आवारा इंसानो की बातचीत दो आवारा इंसानो की बातचीत
राजा चुनना है जो जातिवाद की राजनीति छोड़ कर राष्ट्रवाद और विकास वाद की राजनीति करें। राजा चुनना है जो जातिवाद की राजनीति छोड़ कर राष्ट्रवाद और विकास वाद की राजनीति कर...
मोदी जी को बिठाने के लियें सोफा और ठन्डा पानी पिलाने के लियें फ्रिज भी ले ही लुंगा। मोदी जी को बिठाने के लियें सोफा और ठन्डा पानी पिलाने के लियें फ्रिज भी ले ही लुं...